Trai New Rules: Jio, Airtel, Vi और BSNL को लाना होगा ‘सस्ता रिचार्ज’, TRAI ने दिया बड़ा आदेश
Trai New Rules: TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स Jio, Airtel, Vi, और BSNL को सस्ते और उपयोगकर्ता-केंद्रित रिचार्ज प्लान्स पेश करने का आदेश दिया है। 23 दिसंबर को जारी अधिसूचना में, TRAI ने सभी कंपनियों से कहा है कि वे ऐसे स्पेशल टैरिफ वाउचर (STV) लॉन्च करें, जिनमें वॉयस कॉल और SMS जैसी बेसिक सेवाएं ही शामिल हों।
Trai New Rules: क्या है नया TRAI का आदेश?
- कम लागत वाले रिचार्ज: TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटरों से प्लान्स बनाने को कहा है, जो केवल कॉलिंग और SMS पर केंद्रित हों।
- लंबी वैधता: इन प्लान्स में ग्राहकों को लंबी वैधता दी जाएगी, ताकि बार-बार रिचार्ज करने की परेशानी खत्म हो सके।
- कस्टमाइज्ड सर्विस: ग्राहकों को उनकी जरूरत के अनुसार केवल उन्हीं सेवाओं का चार्ज देना होगा, जिन्हें वे इस्तेमाल करना चाहते हैं।
कंपनियों ने किया था विरोध
ट्राई ने पहले भी इस पर कंपनियों से सुझाव मांगा था, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों ने इसका विरोध किया था. कंपनियों का कहना था कि इस तरह के किसी नए प्लान की जरूरत नहीं है. कंज्यूमर्स के लिए ऐसे प्लान्स पहले से ही मौजूद हैं. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों ने कुछ साल पहले ही लाइफटाइम फ्री इनकमिंग की सुविधा खत्म कर दी है.
कैसे बदलेगी तस्वीर?
- ग्राहकों को राहत: जो लोग केवल कॉलिंग और SMS इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अब डेटा के लिए अलग से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी।
- कंपनियों पर प्रभाव: टेलीकॉम कंपनियों को नए सस्ते प्लान्स की पेशकश करनी होगी, जिससे उनके मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
- वर्तमान डेटा-केंद्रित प्लान्स: मौजूदा समय में अधिकांश प्लान्स में डेटा, OTT सब्सक्रिप्शन, और कॉलिंग शामिल हैं। ऐसे में वॉयस-सेंट्रिक प्लान्स पेश करना कंपनियों के लिए एक नई चुनौती होगी।
ग्राहकों को मिलेगा क्या?
- सस्ते रिचार्ज: 50-100 रुपये के भीतर बेसिक वॉयस और SMS सेवाओं वाले प्लान्स।
- लंबी वैधता: 3-6 महीने या इससे ज्यादा की वैधता वाले प्लान्स।
- लचीलापन: डेटा की अनिवार्यता खत्म होने से ग्राहकों को उनके इस्तेमाल के हिसाब से चुनने का विकल्प मिलेगा।
TRAI का उद्देश्य:
TRAI का यह कदम उन ग्राहकों को ध्यान में रखकर उठाया गया है, जो सिर्फ कॉलिंग और SMS सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य:
- ग्राहकों पर वित्तीय दबाव कम करना।
- बेसिक सर्विस यूजर्स को ज्यादा किफायती विकल्प प्रदान करना।
क्या हैं चुनौतियां?
- कंपनियों का विरोध: टेलीकॉम ऑपरेटर्स इससे असंतुष्ट हो सकते हैं, क्योंकि सस्ते प्लान्स से उनके एवरेज रेवेन्यू पर असर पड़ेगा।
- ग्राहकों का माइग्रेशन: अधिकतर उपयोगकर्ता डेटा-केंद्रित प्लान्स से वॉयस और SMS प्लान्स की ओर जा सकते हैं।
क्या होगा असर?
TRAI का यह आदेश, यदि प्रभावी होता है, तो इससे किफायती सेवाएं मिलने से करोड़ों ग्राहकों को राहत मिलेगी। वहीं, टेलीकॉम सेक्टर के व्यवसाय मॉडल में बदलाव देखने को मिलेगा। अब देखना होगा कि Jio, Airtel, Vi, और BSNL इन बदलावों के लिए कैसे योजना बनाते हैं।