Om Prakash Chautala: हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन
तेजा खेड़ा फार्म हाऊस पहुंचा पूर्व सीएम का पार्थिव शरीर
Om Prakash Chautala: मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पूर्व सीएम चौटाला के निधन पर किया 3 दिनों के राजकीय शोक का ऐलान, राजकीय सम्मान के साथ होगा चौटाला का अंतिम संस्कार
चाैटाला ने 5 बार संभाली थी प्रदेश की कमान
2012 में जेबीटी भर्ती घोटाला में दोषी करार देते हुए दिल्ली की अदालत ने सुनाई थी 10 साल के लिए कारावास की सजा
सिरसा। हरियाणा की राजनीति को शुक्रवार को एक बड़ा झटका लगा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया। गुरुग्राम मेदांता में उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी, तीन-चार साल से मेदांता में ही उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 11:35 बजे मेदांता की इमरजेंसी में लाया गया था। मेदांता प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है।
आज सुबह 8 से 2 बजे तक सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी। शुक्रवार देर रात लगभग 10 बजे डबवाली के तेजा खेड़ा फार्म हाऊस में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर को लाया गया। इस दौरान अभय चौटाला और उनके बेटे अर्जुन चौटाला मौजूद रहे।
शनिवार सुबह 8 से 2 बजे तक सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी। अंतिम संस्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल होंगे।
बताया गया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी, 3-4 साल से मेदांता में ही उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 11:35 बजे मेदांता की इमरजेंसी में लाया गया था।
हरियाणा में 3 दिन का राजकीय शोक का ऐलान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर 3 दिनों का राजकीय शोक का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि 20 से 22 दिसंबर तक 3 दिन का राजकीय शोक रहेगा और 21 दिसंबर को प्रदेश में एक दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया है।
इसके अलावा 20-22 दिसंबर तक प्रदेश में कोई सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा। 21 दिसंबर को राजकीय सम्मान के साथ पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार होगा। यह आदेश हरियाणा सरकार की तरफ से जारी किया गया है।
सिरसा के गांव चौटाला में हुआ था जन्म
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म एक जनवरी 1935 को सिरसा के गांव चौटाला में हुआ था। चौटाला पांच बार हरियाणा के सीएम रहे। दो दिसंबर, 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे।
वे 22 मई, 1990 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई, 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था।
हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्याग पत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल, 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
ओपी चाैटाला ने 5 बार संभाली प्रदेश की कमान, इस घोटाले में गए थे जेल
ओपी चाैटाला इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमो थे। वे 1989 में पहली बार सीएम बने थे। उनका जन्म सिरसा के चाैटाला गांव में हुआ था। ओमप्रकाश चाैटाला देवीलाल की पांच संतानों में सबसे बड़े थे। उनका जन्म एक जनवरी, 1935 को हुआ। शुरुआती शिक्षा के बाद ही चौटाला ने पढ़ाई छोड़ दी थी। चौटाला पांच बार हरियाणा के सीएम बने हैं।
2 दिसंबर, 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था। हालांकि चौटाला को भी 5 दिन बाद ही पद से त्याग पत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल, 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
2012 में जेबीटी भर्ती घोटाले में मिली थी सजा
ओम प्रकाश को साल 2012 में जेबीटी भर्ती घोटाला में दोषी करार देते हुए तिहाड़ जेल में 10 साल के लिए कारावास की सजा सुनाई गई थी।
महम में हिंसा के बाद रद्द हो गया उपचुनाव, जीत मिली न बची कुर्सी, सीएम पद से देना पड़ा था इस्तीफा
प्रदेश की सियासी राजनीति रोहतक में दबदबे की कसक पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के साथ ही चली गई। इतना ही नहीं, उनके समर्थक महम कांड को याद नहीं रखना चाहेंगे, जहां से जीत न मिलने पर चौटाला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ गया था। साथ ही उप चुनाव में हुई हिंसा के चलते महम देश व विदेश में चर्चित हो गया।
1989 में ताऊ देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री बन गए। उनकी जगह चौधरी ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के सीएम बने। उस समय चौटाला राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं थे। नियमों के तहत मुख्यमंत्री बने रहने के लिए नियमानुसार छह माह के अंदर उनका विधानसभा का चुनाव जीतना अनिवार्य था।
चौधरी देवीलाल ने सांसद बनने के बाद महम विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में विधानसभा की महम सीट खाली थी। 27 फरवरी, 1990 के महम के उपचुनाव तय हुए।
चनाव लड़ने के लिए ओमप्रकाश चौटाला ने महम से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। ताऊ देवीलाल के करीबी व कांग्रेस के पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर महम से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया।
चुनाव आयोग ने धांधली की शिकायतों के मद्देनजर आठ मतदान केंद्रों (बूथों) बैंसी, चांदी, महम, भैणी महाराजपुर और खरैंटी में पुनर्मतदान कराने का फैसला किया।
28 फरवरी को सुबह आठ बजे बैंसी के राजकीय कन्या हाई स्कूल में पुनर्मतदान के लिए वोटिंग शुरू हुई। जहां हिंसा में कई लोग मारे गए। हिंसा के चलते सात मार्च 1990 को महम उप चुनाव को रद्द कर दिया गया।
23 मई को ओमप्रकाश चौटाला को इस्तीफा देना पड़ा। बनारसी दास गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया। 26 मई 1990 को ओमप्रकाश चौटाला ने दबड़ा कलां उप चुनाव में जीत हासिल की और विधायक बन गए।
जलाई 1990 में 52 दिन बाद चौटाला दोबारा प्रदेश के सीएम बन गए। 1991 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई और प्रदेश में भजनलाल सरकार बनी। आनंद सिंह दांगी महम से विधायक चुने गए। महम कांड का सच अब तक सामने नहीं आ सका।
1996 चुनाव के बाद बनाया हरियाणा लोकदल
1993 में उन्होंने नरवाना उपचुनाव जीता। 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली।
इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला। दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला 5वीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।
ओम प्रकाश चाैटाला के निधन से हरियाणा की राजनीति के एक युग का अंत हो गया। देवीलाल के सबसे बड़े बेटे ओमप्रकाश चाैटाला जाट राजनीति के दिग्गजों में थे।
कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर कांग्रेसी
बारहवीं पास चौटाला पांच बार हरियाणा की कमान संभाल चुके थे। हालांकि वे केवल एक ही बार अपना कार्यकाल पूरा कर पाए। चाैटाला पहले गैर कांग्रेसी सीएम थे जिन्होंने कार्यकाल पूरा किया था। वे 1989 में पहली बार सीएम बने थे।
पिता के जेल जाने के कारण छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई
ओमप्रकाश चाैटाला का जन्म एक जनवरी, 1935 को हुआ। शुरुआती शिक्षा के बाद ही चौटाला ने पढ़ाई छोड़ दी थी। ओमप्रकाश चौटाला पिता देवीलाल के जेल जाने के कारण अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे। इसका उन्हें हमेशा मलाल रहा।
जेबीटी भर्ती घोटाले में जब वे तिहाड़ जेल में बंद थे तो उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की थी। उन्होंने दसवीं पास करने को अपने आत्मसम्मान से जोड़ लिया था। जेल में दिन-रात पढ़ाई की और परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल रहे। वह आठवीं पास थे, उनका सपना था कि दसवीं की पढ़ाई पूरी करें।
अभिषेक बच्चन ने निभाया था किरदार
जेल में रहते हुए पढ़ाई करने के चौटाला के जज्बे पर अभिषेक बच्चन की फिल्म दसवीं आधारित है। इसमें अभिषेक बच्चन ने चाैटाला का किरदार निभाया था। इस फिल्म को काफी सफलता मिली थी।
1996 चुनाव के बाद बनाया हरियाणा लोकदल
1993 में उन्होंने नरवाना उपचुनाव जीता। 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में 5 लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला। दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।
82 साल की उम्र में पास की थी 10वीं की परीक्षा

भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने 82 साल की में 10वीं पास की थी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के नतीजे जारी हुए तो ओम प्रकाश चौटाला ने परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास की थी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल में एनआईओएस के स्टडी सेंटर से एग्जाम दिया था। उनके साथ ही दो और बुजुर्ग छात्रों ने भी 10वीं पास की थी। ओम प्रकाश चौटाला को परीक्षा में 55.40 प्रतिशत अंक मिले थे।
सीएम सैनी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने जताया शोक
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता चौ. ओम प्रकाश चौटाला के निधन का समाचार दुःखद है। उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में उचित योगदान दिया। दुःख की इस घड़ी में हम उनके परिवार व समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और दिवगंत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं’।
चौटाला के निधन पर भूपेंद्र हुड्डा ने जताया दुख
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति में वे बहुत लंबे समय तक साथ रहे। विधानसभा में भी हम साथ रहे। उन्होंने अपने जीवन काल में जनता की सेवा की है। अभी तो वे राजनीति में भी सक्रिय थे। वे अच्छे व्यक्ति थे। हमारे संबंध अच्छे थे। वे मेरे बड़े भाई की भूमिका में थे।
पीएम मोदी ने भी प्रकट किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स अकाऊंट पर पोस्ट कर दुख प्रकट किया है। पीएम मोदी ने लिखा ‘हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं’।
पंचायत मंत्री ने दो मिनट का मौन रख चौटाला को दी श्रद्धांजलि
रोहतक। पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार करीब एक बजे जब शिकायत सुन रहे थे, तब मीडिया से सूचना मिली कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया है। मंत्री के साथ नेताओं, अधिकारियों व आम लोगों ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रखकर पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि दी. 🌼