New Education Policy: बीएड करने उम्मीदवारों के लिए बड़ी सौगत... जाने बड़ी अपडेट

New Education Policy: बीएड करने उम्मीदवारों के लिए बड़ी सौगत… जाने बड़ी अपडेट

New Education Policy: चार वर्षीय बीएड कोर्स में नए पाठ्यक्रम से होगी पढ़ाई, नई शिक्षा नीति के तहत आईटीईपी तैयार

 

New Education Policy: बीएड करने के बाद शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। अब चार वर्षीय बीएड कोर्स नई शिक्षा नीति के इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) के तहत तैयार सिलेबस से ही होगी।

कोर्स में दाखिला लेने के लिए एंट्रेंस टेस्ट ऑल इंडिया लेवल पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा लिया जाएगा। नए सत्र (2025) से पुराना पाठ्यक्रम बंद हो जाएगा।

अब नई शिक्षा नीति के तहत आईटीईपी के तहत जो नया सिलेबस तैयार किया गया है, सिर्फ उसी के तहत ही चार वर्षीय स्नातक बीएड कोर्स हो सकेंगे। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में पिछले साल चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स बीए-बीएड व बीएससी-बीएड 50-50 सीटों के साथ शुरू किया गया था।

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने पहले से चल रहे चार वर्षीय बीए-बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम बंद करने का फैसला किया है। इसके स्थान पर नया एकीकृत शिक्षक-शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) लागू हो गया है।

नए रेगुलेशन के अनुसार एनसीटीई ने अपने वेबसाइट पर इसकी सूचना जारी कर दी है। एनसीटीई ने पिछले वर्ष से ही कॉलेजों को दो वर्षीय बीएड कोर्स की मान्यता देना भी बंद कर दिया है।

वर्ष 2025-26 से आईटीईपी के तहत चार वर्षीय बीएड कोर्स चलेंगे। इसके लिए एनसीटीई से स्वीकृति लेनी होगी। जो कॉलेज इसकी स्वीकृति लेंगे, अब बस वही चलेंगे। शिक्षकों की नियुक्ति में भी चार वर्षीय बीएड कोर्स की ही मान्यता रहेगी।

आईटीईपी के तहत अभी 4 वर्षीय बीएड 64 संस्थानों में चल रहा है

चार साल का इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) अभी देशभर में जीजेयू समेत 64 संस्थानों में चल रहा है। जहां पर विद्यार्थी अपनी पसंद के विषय में बीएड करते हैं।

अब आईटीईपी के तहत चार वर्षीय बीएड कोर्स में योगा एजुकेशन, आईटीईपी फिजिकल एजुकेशन, आईटीईपी संस्कृत, आईटीईपी परफॉर्मिंग आर्ट एजुकेशन जैसे स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम्स जोड़े जाएंगे।

आईटीईपी एक चार वर्षीय दोहरी सामग्री स्नातक डिग्री (ड इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन डिग्री) है, जो अभी बीए-बीएड, बीकॉम-बीएड और बीएससी-बीएड में दी जाती है। इस कोर्स को स्कूलों में नए कॅरिकुलम को ध्यान में रखकर तैयार किया है।

इसके अंतर्गत शिक्षक जो आगे इस कोर्स को करके स्कूलों में पढ़ाने जाएंगे, उन्हें फाउंडेशन, प्रीपरेटरी, मिडल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के अंतर्गत पढ़ाने की पूरी जानकारी रहेगी। शिक्षकों को उसके अनुसार ही पढ़ाने को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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