Health News: बच्चों और बुजुर्गों में खांसी, एलर्जी, आंखों में खुजली की शिकायत
ऐलनाबाद 5 नवंबर (रमेश भार्गव ) मौसम बदलाव के साथ-साथ आकाश और वायुमण्डल के अन्दर धुआं नजर आ रहा है। चिकित्सकों की मानें तो यह धुआं स्वास्थ्य के लिए बड़ा हानिकारक है। यह सर्दियों में पडने वाली धुंध नहीं है बल्कि प्रदूषण के कारण हो रहा है। यह प्रदूषण अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है।
विशेष तौर पर बच्चों और बुजुर्गों में। बच्चों और बुजुर्गों को खांसी, एलर्जी, आंखों में खुजली होने, नाक बहने, बलगम आने के अलावा फेफड़ों पर प्रभाव वाली बीमारियां हो रही हैं।
Health News: सभी चिकित्सकों के पास आउटडोर में इस तरह की बीमारियों के मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों ने बदलते इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान की हिदायत दी है। ऐलनाबाद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ .मदन जैन ने सलाह दी कि सुबह-शाम जिस जगह घूमें वहां का वातावरण दूषित न हो। ईंट भट्ठों, फसलें जलाने, इंडस्ट्रीज से निकलने वाले धुएं आदि पर नियंत्रण के लिए सरकार को किसी प्रकार की प्रणाली लागू करनी चाहिए ताकि प्रदूषण कम से कम फैले। विशेष तौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष ध्यान रखना चाहिए।
जब तक जरूरत न हो तब तक बिना काम के घर से बाहर न निकलें। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के अधिक स्तर वाले शहरों में हिसार, फतेहाबाद, गुरुग्राम, वह चरखी दादरी शामिल है। क्षेत्र के लोगों को पर्यावरण के प्रति ध्यान देना चाहिए। साथ ही जो एजेंसी इसके लिए जिम्मेवार है, उन्हें आगे आकर इस तकलीफ को दूर करने के लिए कुछ न कुछ प्रयत्न करना चाहिए। एनजीओ को भी आगे आकर इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों से सम्पर्क कर इस समस्या से छुटकारा दिलाने की दिशा में कार्य करना चाहिए ताकि स्वस्थ रह सकें।
प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं:
बच्चों और बुजुर्गों में स्वास्थ्य समस्याएं:
खांसी और बलगम
एलर्जी और आंखों में जलन
नाक बहना और सांस लेने में तकलीफ
प्रदूषण के कारण:
फसल जलाना, ईंट-भट्टों और औद्योगिक धुआं
इन सभी स्रोतों से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन
डॉ. जैन ने कहा कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए सरकार को सक्रिय कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त नीतियां बनाई जानी चाहिए। इसके साथ ही, एनजीओ और नागरिक संगठनों को भी प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ-साथ समाधान की दिशा में प्रयास करने चाहिए।
प्रदूषण के अधिक स्तर वाले शहरों में हिसार, फतेहाबाद, गुरुग्राम और चरखी दादरी जैसे स्थान शामिल हैं, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर लगातार खराब हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के कदम नहीं उठाए गए, तो स्वास्थ्य पर इसका असर और भी गंभीर हो सकता है।
इस प्रदूषण के दौर में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल की आवश्यकता है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि जब तक आवश्यक न हो, तब तक घर से बाहर निकलने से बचें और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।
अधिक जानकारी के लिए आप वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मदन जैन से नीचे दिए नंबर के माध्यम से पूरी जानकारी ले सकते है (9416388888)