Haryana Transfer Policy: Haryana ministers demand transfer-posting from CM

Haryana Transfer Policy: हरियाणा मंत्रियों की CM से ट्रांसफर-पोस्टिंग की मांग: प्रशासनिक अधिकारों को लेकर नाराजगी

Haryana Transfer Policy: हरियाणा के मंत्रियों ने CM से मांगी ट्रांसफर-पोस्टिंग की पावर:अभी दर्जा-4 को बदलने का भी अधिकार नहीं; CMO में HCS अधिकारी के जिम्मे काम

Haryana Transfer Policy: हरियाणा के CM नायब सैनी, उन्होंने अभी तक मंत्रियों को कोई औपचारिक जवाब नहीं दिया है।

Haryana Transfer Policy: हरियाणा की BJP सरकार के मंत्रियों ने CM नायब सैनी से अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार देने को कहा है। प्रदेश सरकार में 11 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री हैं, इन सभी ने CM से ग्रुप B कर्मचारियों तक ट्रांसफर पावर मांगी है।

हरियाणा की BJP सरकार में कैबिनेट और राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री नायब सैनी से अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर फिलहाल कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन मंत्रियों के भीतर बढ़ती असंतोष की भावना चर्चा का विषय बन गई है।

Haryana Transfer Policy: मंत्रियों की क्या है मांग?

प्रदेश के 11 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से ग्रुप B कर्मचारियों तक ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार मांगे हैं। फिलहाल मंत्रियों के पास ग्रुप 4 कर्मचारियों को बदलने का भी अधिकार नहीं है।

  • सभी तबादले मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से होते हैं।
  • CMO में इस कार्य के लिए HCS अधिकारी को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के रूप में नियुक्त किया गया है, जो सीधे मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्य करता है।

मंत्रियों की शिकायतें

  1. सारे अधिकार CM के पास:
    मंत्रियों ने शिकायत की है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ी सभी प्रक्रिया मुख्यमंत्री और OSD पर निर्भर हैं। इससे फैसलों में देरी होती है और विधायकों व जनता के बीच मंत्रियों की छवि प्रभावित होती है।
  2. एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है:
    कर्मचारियों की ट्रांसफर या पोस्टिंग के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति लेना आवश्यक है, जिससे प्रक्रिया जटिल और समय-consuming हो जाती है।
  3. गलत संदेश जा रहा है:
    विधायकों और आम जनता के बीच इस केंद्रीकृत प्रणाली के चलते मंत्रियों की भूमिका सीमित लगती है, जिससे उनके प्रभाव और स्वायत्तता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

Haryana Transfer Policy: ट्रांसफर-पोस्टिंग के पुराने नियम

हरियाणा सरकार में पहले मंत्रियों को एक महीने के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिए जाते थे।

  • 2019 में: CM मनोहर लाल खट्टर के दूसरे कार्यकाल में नवंबर-दिसंबर के बीच मंत्रियों को सीमित अवधि के लिए यह पावर दी गई।
  • 2020-2024: खट्टर सरकार के शेष कार्यकाल में यह प्रथा बंद हो गई।

वर्तमान में, नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह प्रणाली जारी रही।

OSD के पास अधिकार

CMO में नियुक्त HCS अधिकारी पूरी ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रक्रिया को संभालता है।

  1. कर्मचारी या अधिकारी के तबादले के लिए CMO से अनुमति लेनी होती है।
  2. अनुमति मिलने पर OSD आदेश जारी करता है।

यह प्रक्रिया प्रशासनिक नियंत्रण को सुदृढ़ करती है लेकिन मंत्रियों की भूमिका को सीमित कर देती है।

नायब सैनी की चुप्पी

  • सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से पूरी मजबूती से अपनी बात रखी है।
  • हालांकि, नायब सैनी ने अभी तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

राजनीतिक प्रभाव

इस मुद्दे पर CM और मंत्रियों के बीच मतभेद उभर सकते हैं, जो संगठन के भीतर असंतोष को दर्शाता है।

  • मंत्रियों को सीमित अधिकार देने की व्यवस्था भाजपा सरकार की निर्णय प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रही है।
  • क्या मुख्यमंत्री इस मांग को मानेंगे, यह देखने वाला होगा।

निष्कर्ष:
मंत्रियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग पावर की मांग हरियाणा सरकार में केंद्रीकृत निर्णय प्रणाली के प्रति असंतोष को उजागर करती है। यदि यह समस्या सुलझती है, तो इससे न केवल मंत्रियों की भूमिका स्पष्ट होगी बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी तेजी आएगी।

या।

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