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Haryana News: हरियाणा में यहा 1 साल चल रहा फर्जी सरकारी महकमा…. देखे पूरी जानकारी

Haryana News: फर्जीवाड़ा सिस्टम रिपोर्ट… हरियाणा में 1 साल चलता रहा फर्जी सरकारी महकमा

Haryana News: भिवानी हेडक्वार्टर, हिसार में एग्जाम, चंडीगढ़ में इंटरव्यू, 50 युवाओं से 2 करोड़ ठग लिए।

हरियाणा में एक साल तक फर्जी सरकारी महकमा चलता रहा। जिसने न केवल ठीक सरकारी तरीके से ही फर्जी भर्तियां की बल्कि उनसे फील्ड में काम तक कराया। इसका हेडक्वार्टर भिवानी बनाया गया। जींद और यमुनानगर में भी ऑफिस खोले। भर्ती एग्जाम हिसार में लिए।

इसके बाद चंडीगढ़ में इंटरव्यू और ट्रेनिंग कराई। इसके बाद कर्मचारियों को फील्ड में सरकारी योजनाओं के बहाने वसूली के लिए भेज दिया। करीब 2 करोड़ रुपए भी इकट्‌ठा कर लिए।

पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब फर्जी कर्मचारी का असली कर्मचारी से सामना हो गया। जिसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचा और फर्जी महकमे की पूरी पोल खोल दी। भिवानी पुलिस ने इस मामले में इनके 3 डायरेक्टर समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

सिलसिलेवार ढंग से जानिए फर्जी सरकारी महकमे की कहानी…

 लोन लेने के लिए कंपनी खोली, लोन नहीं मिला।

भिवानी पुलिस ने बताया कि भिवानी के बलजीत ने पहले प्राइवेट नौकरी की। फिर कोचिंग देने लगा। मगर, उसमें पैसे अच्छे नहीं मिल रहे थे। इसके बाद उसने शगुन हेल्थ डॉट कॉम के नाम से एक कंपनी खोली। उसकी मंशा थी कि कंपनी के नाम पर लोन ले लेगा। कंपनी खोलने के बाद उसने काफी कोशिश की लेकिन कहीं से भी लोन नहीं मिला।

दोस्त ने बताया फर्जी भर्तियों का रास्ता।

बलजीत लोन न मिलने से परेशान था। लोन के चक्कर में उसकी मुलाकात गुलशन से हुई। गुलशन ने उसे बताया कि उसका एक दोस्त है, जो फर्जी भर्तियां कर ठगी करता है। बलजीत को आइडिया अच्छा लगा। उसने भी ठगी का प्लान तैयार कर लिया। उसने अपनी कंपनी में गुलशन और भिवानी के ही गांव बड़ेसरा की रितू को डायरेक्टर बना लिया। 2024 के मध्य में उन्होंने ठगी का पूरा प्लान तैयार कर लिया।

फर्जी सरकारी भर्ती के फॉर्म निकाले।

इसके बाद बलजीत और गुलशन ने मिलकर नवंबर 2024 में फर्जी भर्तियों के फॉर्म निकाल दिए। जिसमें बताया कि यह सरकारी भर्ती है। उनकी कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम करती है। उन्होंने कंपनी के लिए एरिया इंस्पेक्टर, मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) और ड्राइवर की भर्तियां निकालीं। जिसमें काम के तौर पर बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री शगुन स्कीम, कन्या विवाह योजना, लड़की सम्मान योजना और प्रधानमंत्री शादी शगुन योजना का प्रचार करना है।

960 युवाओं ने फार्म भरे, हिसार में 500 ने एग्जाम दिया।

सरकारी नौकरी देख उनकी वेबसाइट पर 960 युवाओं ने फार्म भर दिए। कुछ फॉर्म कंपनी के रखे दलालों के जरिए भी भराए गए। वेबसाइट से ही उनके एडमिट कार्ड डाउनलोड कराए गए। इसके बाद हिसार के एक प्राइवेट कॉलेज में भर्ती एग्जाम लिया गया। जिसमें 500 युवा शामिल हुए। एग्जाम देने से पहले और बाद में कंपनी के दलालों ने युवाओं से संपर्क किया। जिसके बाद करीब 50 युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम 2 से 4 लाख रुपए वसूले गए।

जिन्होंने रुपए दिए, उन्हें पास किया, चंडीगढ़ में इंटरव्यू कराए।

जिन युवाओं ने नौकरी के लिए दलालों को रुपए दिए थे, कंपनी ने रिजल्ट घोषित करते वक्त सिर्फ उन्हें ही पास किया। बाकी सभी युवाओं को फेल कर दिया। इसके बाद चंडीगढ़ में इनका इंटरव्यू लिया। फिर उन्हें वहां ट्रेनिंग भी दी। फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर आई कार्ड भी दिए। इसके बाद उन्हें फील्ड में काम करने के लिए भेज दिया गया।

 योजनाओं के लाभ के बहाने वसूली शुरू कराई, रसीद काटकर देते थें।

फर्जी तौर पर भर्ती सरकारी कर्मचारियों को फिर फील्ड में भेज दिया गया। उन्हें काम सौंपा गया कि सरकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बताना है। लोगों को उसका लाभ दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन के बदले डेढ़ से 2 हजार रुपए वसूलते थे। उसकी लोगों को रसीद भी काटकर देते थे। इन कर्मचारियों को वह 10 से 15 हजार सैलरी देते थे। उसका PF भी काटते थे और पे स्लिप भी देते थे।

आखिर ये फर्जी विभाग पकड़ा कैसे गया, 3 पॉइंट्स में जानिए।

असली कर्मचारी ने नकली को बताया, कंपनी फर्जी है।

जिन 25 सरकारी कर्मचारियों को इन्होंने भर्ती किया था, उनमें भिवानी के गांव जाटू लोहारी का नीरज भी था। नीरज जब फील्ड में कलेक्शन कर रहा था तो उसे असली सरकारी कर्मचारी मिल गया। उसने जब पूछताछ की तो नीरज ने काम के तरीके के बारे में बताया। तब कर्मचारी ने उसे कहा कि ये कंपनी फर्जी है क्योंकि इन योजनाओं के लिए न तो ऐसा कोई विभाग है और न ही किसी को जिम्मेदारी दी गई है। योजना के लिए आवेदन करने का भी यह तरीका नहीं है।

कंपनी वाले गोलमोल जवाब देने लगे।

नीरज को जब ये सब कहा गया तो उसने तुरंत कंपनी में फोन किया। उसने बताया कि इस कंपनी को फर्जी बताया जा रहा है। उसने भी योजनाओं को लेकर अपने स्तर पर की जांच के आधार पर सवाल पूछने शुरू कर दिए। यह सुनकर कंपनी के अधिकारी समझ गए कि उनकी पोल खुल रही है। इसलिए उन्होंने नीरज को गोलमोल जवाब देने शुरू कर दिए।

 शक हुआ तो पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचा।

तब नीरज को भी कंपनी को लेकर शक होने लगा। उससे 7 लाख रुपए लेकर यह नौकरी दी गई थी। वह भिवानी पुलिस के पास पहुंचा और पूरे मामले की शिकायत कर दी। पुलिस ने जांच की तो उसमें कंपनी के फर्जी होने की पुष्टि हो गई।

इस मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

भिवानी की साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास बताते हैं कि नीरज की शिकायत पर हमने जांच शुरू की। इसमें पता चला कि नीरज की कंपनी शगुन हेल्थ डॉट कॉम चंडीगढ़ में चल रही शगुन ग्रामीण हेल्थ एंड फैमिली काउंसिल चंडीगढ़ के साथ जुड़ी है। यह खुद को सरकारी ऑर्गेनाइजेशन बताते हैं। दलालों के जरिए ठगी करते हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फर्म के डायरेक्टर बलजीत, रितू, हिसार के सरसाना के रहने वाले संजय, चंडीगढ़ के गुलशन और जींद के बलकार को गिरफ्तार कर लिया।

अभी तक इन लोगों के 50 युवाओं को नौकरी का झांसा देकर करीब डेढ़ से 2 करोड़ ठगी का पता चला है। उनसे 1.57 लाख कैश बरामद हुए। बैंक अकाउंट में जमा 1.21 लाख फ्रीज करा दिए गए। इसके अलावा 2 चांदी के सिक्के, 2 अंगूठियां, 13 मोबाइल, 11 पासबुक, 43 रजिस्टर और 8 पेमेंट स्लिप भी बरामद हुई हैं।

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