Delhi Big Breaking News: आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुप्पी तोड़ी है। दिल्ली विधानसभा का चुनाव हारने के बाद वे खामोश हो गए थे।
आपको ये भी बता दें कि वे 10 दिन के लिए विपश्यना करने चले गए थे। अब उन्होंने चुप्पी तोड़ी है तो सबसे पहले इस बात का संदेह दूर किया कि वे पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं या भगवंत सिंह मान को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है।
मान सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर रविवार, 16 मार्च को अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान दोनों एक साथ दरबार साहिब में माथा टेकने पहुंचे और वहां से रामतीर्थ भी गए। इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि मान मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि इस कार्यकाल के बचे हुए दो साल मान मुख्यमंत्री रहेंगे और उसके बाद 2027 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी और मान ही पांच साल तक के लिए मुख्यमंत्री बनेंगे। केजरीवाल ने पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की अटकलों और मान के हटने के कयास पर विराम लगा दिया। लेकिन आप सुप्रीमो ने अपने राज्यसभा जाने के बारे में कुछ नहीं कहा।
वे राज्यसभा जाना चाहते हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है। इसलिए राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को पंजाब की एक विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।
मुश्किल यह है कि चुनाव आयोग उपचुनाव की घोषणा ही नहीं कर रहा है। लुधियाना पश्चिम की सीट जनवरी में आप विधायक गुरप्रीत गोगी की मृत्यु से खाली हुई है।
फरवरी में आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को वहां से उम्मीदवार घोषित किया और अब चुनाव की तारीखों की घोषणा का इंतजार हो रहा है। बताया जा रहा है कि अरोड़ा को राज्य सरकार में मंत्री बनाने का वादा किया गया है।
विधानसभा का उम्मीदवार घोषित हो जाने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। वे चुनाव जीत कर ही इस्तीफा देंगे और तभी केजरीवाल उस सीट से राज्यसभा में जाएंगे।
उनके राज्यसभा पहुंचने क्या होगा यह भी बहुत साफ है। केजरीवाल उच्च सदन में जाएंगे तो संजय सिंह की जगह सदन में पार्टी के नेता होंगे।
फिर सारा फोकस संजय सिंह के हट कर केजरीवाल पर होगा। उनके उच्च सदन में पहुंचने पर कांग्रेस के साथ तालमेल कैसे प्रभावित होगा यह भी देखने वाली बात होगी।