Ajab gajab: कागजों में शिव-पार्वती को दिखाया 'मृत', पुजारी ने अपने नाम कराई प्राचीन मंदिर की जमीन

Ajab gajab: कागजों में शिव-पार्वती को दिखाया ‘मृत’, पुजारी ने अपने नाम कराई प्राचीन मंदिर की जमीन

Ajab gajab: कागजों में शिव-पार्वती को दिखाया ‘मृत’, पुजारी ने अपने नाम कराई प्राचीन मंदिर की जमीन; करोड़ों में है कीमत।

 

Ajab gajab: सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पुजारी ने भगवान शिव और माता पार्वती को कागजों में मृत दिखा कर मंदिर को दान में मिली जमीन को अपने नाम करा लिया।

 

मंदिर समिति के लोगों ने जिला अधिकारी से की मामले की शिकायत

महाशिवरात्रि को लेकर जहां पूरा देश अपने-अपने अंदाज से मनाने के लिए उसकी तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं यूपी के सोनभद्र में प्राचीन शिव पार्वती मंदिर के पुजारी द्वारा भगवान को ही मृतक घोषित करके जमीन अपने नाम करा लेने का मामला सामने आया है। भगवान शिव और माता पार्वती के नाम से बने ट्रस्ट (शिव पार्वती प्राचीन काशी सेवा समिति) की जमीन को मंदिर के ही पुजारी ने भगवान शिव और माता पार्वती को मृत दिखाकर जमीन को अपने नाम कर लिया और उस जमीन पर अपने लोगों द्वारा दुकान खोलकर अतिक्रमण कर लिया।

 

मंदिर समिति ने जताया आक्रो

सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र अंतर्गत शिव द्वार मंदिर की अपनी पौराणिक कथाएं, मान्यताएं हैं तो वहीं यहां के पुजारी के मन में लालच आ गया। उसने भगवान को मृत दिखाकर जमीन हड़पने की साजिश रच डाली। जब इस मामले की जानकारी समिति को हुई तो समिति में हड़कंप मच गया। समिति के लोगों के द्वारा मामले की शिकायत जिला अधिकारी से की गई।

 

वहीं, जिला अधिकारी द्वारा मामले में जांच कर जल्द कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया गया लेकिन जब मीडिया ने इस मामले पर जानकारी लेनी चाही तो जिला अधिकारी ने मामले की पूरी जानकारी न होने की बात कहकर मीडिया से बात करने से मना कर दिया।

 

11 वीं सदी का है मंदिर

जानकारों की माने तो यह मंदिर 11वीं सदी का है। इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित है। पर्यटन के लिहाज से भी यह मंदिर महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां श्रावण मास में एक माह के लिए मेला लगने के साथ ही शिवरात्रि, बसंत पंचमी जैसे अवसरों पर मेला लगता है। अति प्राचीन मंदिर होने के कारण इसकी महत्ता भी अधिक बताई जाती है। लेकिन पुजारी के इस कृत्य से मंदिर की पवित्रता और उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है, जिससे स्थानीय लोग और श्रद्धालु बेहद नाराज़ हैं।

 

चढ़ावे का भी निजी कार्यों में इस्तेमाल

मंदिर समिति के मुताबिक, पुजारी न केवल मंदिर की संपत्ति को हड़पने में लगा था, बल्कि मंदिर में चढ़ाए गए चढ़ावे को भी अपने निजी कार्यों में इस्तेमाल कर रहा था। समिति का कहना है कि मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाया गया धन मंदिर की देखरेख और जनसेवा के कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन पुजारी इसे अपने निजी खर्चों में इस्तेमाल कर रहा था।

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